
अध्ययन अवकाश
सरकारी सेवा में आने के बाद सरकारी कर्मियों कर्मचारियों को आगे की शिक्षा पूरी करने हेतु विशेष अवकाश दिए जाते हैं जो अध्ययन अवकाश के नाम से जाने जाते हैं। यह अध्ययन अवकाश किसी भी कर्मचारियों के लिए काफी आवश्यक होता है। क्योंकि आगे की प्रोन्नति हेतु आवश्यक शैक्षणिक योग्यता वे इसी अध्ययन अवकाश से ही पूरी करते हैं। लेकिन अध्ययन अवकाश के लिए बहुत सारे मापदंड निर्धारित है उसे पूरा करना आवश्यक होता है अध्ययन अवकाश के पूर्व स्वीकृति भी आवश्यक है साथ ही साथ अध्ययन अवकाश के बाद सेवा भी आवश्यक होता है संपूर्ण नियम आगे जानेंगे।
नियोजित शिक्षकों के अध्ययन अवकाश के नियम
“बिहार पंचायत प्रारंभिक विद्यालय सेवा (नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानान्तरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशत) नियमावली 2020” एवं “बिहार नगर प्रारंभिक विद्यालय सेवा (नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानान्तरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली 2020′ के नियम 20(vii) के तहत अध्ययन अवकाश का प्रावधान है। अध्ययन अवकाश का उद्देश्य संबंधित शिक्षक को बेहतर सेवा का विकल्प मुहैया कराने के साथ-साथ उनका ज्ञान संवर्द्धन एवं उसका उपयोग कक्षा संचालन में किया जाना है, जिसका लाभ छात्र/छात्राओं को मिल सके।
उक्त वर्णित नियमावली 2020 के अन्तर्गत प्रावधानित अध्ययन अवकाश के लिए निम्नांकित प्रावधान निर्धारित किया जाता हैं :
अध्ययन अवकाश हेतु पात्रता
- वैसे शिक्षक जिनकी सेवा अवधि 03 वर्ष या उससे अधिक हो।
- अनुशासनिक कार्यवाही अधीन अथवा निलंबित अथवा दोनों नहीं हो।
- जिनके प्रमाण पत्र की जाँच सक्षम स्तर से होकर सही पायी गयी हो।
- अवकाश आवेदन देने की निर्धारित तिथि तक संबंधित शिक्षक का नियमित रूप से वेतन भुगतान हुआ हो अथवा वेतन भुगतान के पात्र हो।
अध्ययन अवकाश हेतु पाठ्यक्रम/डिग्री
- मूल कोटि के शिक्षक स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पी0 एच0 डी0।
- स्नातक कोटि के शिक्षक जिस विषय के शिक्षक हों, इस विषय में स्नातकोत्तर एवं पी०एच0डी0।
- मूल कोटि एवं स्नातक कोटि के शिक्षक के द्वारा शिक्षा में स्नातकोत्तर/ एम०एड०।
- बी0 एड0 करने के लिए यह अवकाश देय नहीं होगा।
अध्ययन अवकाश के उपरांत नियत अवधि तक कार्य का निर्धारण
अध्ययन अवकाश इस शर्त के साथ स्वीकृत किया जाएगा कि वे अध्ययन अवकाश उपयोग के उपरांत उतनी अवधि तक अपनी सेवा अवश्य देंगे जितनी अवधि के लिए संबंधित शिक्षक द्वारा अध्ययन अवकाश का उपभोग किया गया हो, जो एक वर्ष से कम नहीं होगी। इसके उपरांत ही किसी अन्य सेवा में जाने हेतु उनके अभ्यावेदन पर विचार किया जाएगा।
अध्ययन अवकाश limit
अध्ययन अवकाश पूरे सेवाकाल में मात्र एक बार और एक ही योग्यतावर्धन के लिए देय होगा।
अध्ययन अवकाश की स्वीकृति
अध्ययन अवकाश की स्वीकृति के क्रम में संबंधित नियोजन इकाई के सदस्य सचिव यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित शिक्षक के अध्ययन अवकाश में जाने के कारण छात्र/छात्राओं का पठन-पाठन विपरीत रूप से प्रभावित नहीं हो।