
नवनियुक्त शिक्षक पहला वेतन
जून में भी नहीं मिलेगा आधे से अधिक नवनियुक्त शिक्षकों को पहला वेतन: बिहार में 40,000 से अधिक नवनियुक्त शिक्षक पिछले 3 महीने से बिना वेतन के सेवा दे रहे हैं। हालांकि उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय है क्योंकि वह नियोजन की प्रतीक्षा 3 सालों से कर रहे थे। 3 सालों की लंबी मुद्दत ने उसे आर्थिक रूप से पूरी तरह कमजोर कर दिया है। इसके उपरांत भी बिहार सरकार नवनियुक्त शिक्षकों को उनका वेतन नहीं दे रही है। जैसा कि शिक्षा विभाग ने कहा था कि हम नवनियुक्त शिक्षकों को उसका वेतन उसके सभी प्रमाण पत्रों के सत्यापन के उपरांत ही देंगे। प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए अंतिम तिथि 30 सितंबर 2022 निर्धारित किया है लेकिन प्रमाण पत्र सत्यापन में बहुत अड़चन आ रही है। कहीं पैसे की बाधा है तो कहीं मूल प्रमाण पत्र मांगा जा रहे है।



पैसे और मूल प्रमाण पत्र की सत्यापन में बाधा
बिहार के नवनियुक्त शिक्षकों के प्रमाण पत्र देश के अलग-अलग विद्यालय और महाविद्यालय से निर्गत है। जो प्रमाण पत्र बिहार के हैं विशेष रूप से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना BSEB के, उनके प्रमाण पत्र का सत्यापन लगभग-लगभग पूरा हो चुका है। बाकी दुसरे राज्य के प्रमाण पत्र के लिए अधिक समय लगने की संभावना है क्योंकि सभी बोर्ड द्वारा पैसे की मांग की जा रही है साथ ही साथ ओरिजिनल प्रमाण पत्र भी मांगे जा रहे हैं। एक जानकारी के अनुसार सभी बोर्ड ने प्रति अभ्यर्थी या प्रति प्रमाण पत्र अपने शुल्क निर्धारित कर रखे हैं और जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा पैसे की मांग की जा रही है। आप भी ऊपर के इमेज में देख सकते हैं की आपके विद्यालय/महाविद्यालय के प्रमाण पत्र सत्यापन का शुल्क क्या है। यहां तक के जिला शिक्षा पदाधिकारी किशनगंज में शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन भी मांगा है कि इस सम्बन्ध में स्पष्ट मार्गदर्शन दें।
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