
दक्षता परीक्षा की आवश्यकता
जैसा कि आपको पता होगा कि बिहार में शिक्षक बनने की योग्यता शिक्षक प्रशिक्षण के उपरांत शिक्षक पात्रता परीक्षा है। पूर्व में जो शिक्षक बहाल हुए हैं उन्होंने न तो शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण क्या था और न ही शिक्षक प्रशिक्षण पूरा क्या था। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के अनुसार कोई भी व्यक्ति शिक्षक के पद पर तभी कार्य कर सकता है जब वह न्यूनतम मापदंड को पूरा कर सकें इसलिए शिक्षकों को शिक्षक प्रशिक्षण और शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजन किया गया। शिक्षकों को बार-बार अवसर दिया गया कि वह शिक्षक प्रशिक्षण पूरा करें और अंत में एनआईओएस NIOS के माध्यम से समस्त शिक्षकों को शिक्षक प्रशिक्षण करवाया गया। लेकिन शिक्षक पात्रता परीक्षा उनके लिए चुनौती थी। इसलिए इनके लिए दक्षता परीक्षा का आयोजन किया गया जो इनका पात्रता परीक्षा था। दक्षता परीक्षा का आयोजन एक बार नहीं बल्कि तीन बार किया जा चुका है फिर भी हजारों शिक्षक ऐसे हैं जो एक बार भी दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण न कर सके।
नियम के अनुसार इनकी सेवा समाप्त होनी चाहिए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि ऐसे शिक्षकों की सेवा समाप्त न की जाए। बल्कि इन्हें 6 माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाए ताकि इन शिक्षकों को दक्षता परीक्षण उत्तीर्ण करने का अवसर मिलें।अगर यह शिक्षक दक्षता परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाते हैं तो इनकी सेवा यथावत रहेगी।कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्री से आईटीआई में पूछा गया था कि शेष बचे शिक्षकों के लिए दक्षता परीक्षा का आयोजन कब होगा इसी मामले को आगे बढ़ाते हुए प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखा है।
दक्षता परीक्षा हेतु प्रशिक्षण प्रारूप
और कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा पारित आदेश के अनुपालन के क्रम में दक्षता परीक्षा अनुत्तीर्ण शिक्षकों के 6 माह के प्रशिक्षण के लिए राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद पटना द्वारा सामान्य, उर्दू एवं शारीरिक शिक्षा के लिए प्रशिक्षण मॉडल तैयार किया गया है।
अपने निर्देश में उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण को सुगम रूप से संचालित करेंगे और जिला शिक्षा पदाधिकारी अपने जिला के डायट / PTEC में पदस्थापित सामान्य विषय के लिए 2 उर्दू विषय के लिए 1 एवं शारीरिक शिक्षा के लिए 1 व्याख्याता को मास्टर ट्रेनर के रूप में नामित करेंगे। सभी नामित व्याख्याता को राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद पटना में उपस्थित होकर आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्तकरेगें एवं एक दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु संबंधित प्राचार्य सा समय विरमित करेंगे। व्याख्याता के प्रशिक्षण के पश्चात ही दक्षता परीक्षा अनुत्तीर्ण शिक्षकों का प्रशिक्षण आरंभ होगा। एक प्रशिक्षण केंद्र पर अधिकतम एक सौ शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी। संबंधित शिक्षकों को संबंधित जिला अवस्थित डायट PTEC में प्रत्येक सप्ताह के शनिवार एवं रविवार कोर्ट कांटेक्ट क्लास के माध्यम से जिला के लिए नामित मास्टर ट्रेनर (व्याख्याता) के द्वारा प्रशिक्षण दी जाएगी। अपने विद्यालय में ही वर्ग संचालन करते हुए स्व अध्ययन करेंगे।
यह प्रशिक्षण दूरस्थ शिक्षा व्यवस्था का एक अंग होगा यानी स्वअध्ययन के माध्यम से अपना पठन-पाठन करेंगे और सप्ताह में 2 दिन इन्हें केंद्र पर जाकर प्रशिक्षण लेना होगा। 6 महीने के उपरांत इनकी परीक्षा ली जाएगी जो इनकी दक्षता परीक्षा होगी।
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