
क्या है बिहार में शिक्षक बनने की योग्यता – Know about Bihar Teacher Eligibility
क्या है बिहार में शिक्षक बनने की योग्यता: दोस्तों पिछले कुछ सालों से बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति आई है। और हर बच्चा विद्यालय जा पहुंचा है इतना ही नहीं बल्कि हर कोई शिक्षक बनने का सपना देख रहा है क्योंकि बिहार के विद्यालय में अभी भी भारी संख्या में भर्ती आना बाकी है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर बिहार में शिक्षक बनने की योग्यता क्या है? जो लोग बिहार में शिक्षक बनने का सपना देखते हैं वह अपना सपना किस तरह से पूरा कर पाएंगे। उनकी शैक्षणिक योग्यता क्या होगी। कौन-कौन परीक्षाएं पास करनी पड़ती है और चयन प्रक्रिया क्या होता है। किस तरह से विभिन्न मार्गो से गुजरते हुए विद्यालय की कुर्सी तक पहुंचना होता है। सब बातें हम आपको बताएंगे….
प्रारंभिक विद्यालय में शिक्षकों की योग्यता
आज हम खासतौर से बात करेंगे कि बिहार में प्रारंभिक विद्यालय में शिक्षकों की योग्यता क्या होती है। दोस्तों प्रारंभिक विद्यालय उस विद्यालय को कहते हैं जहां कक्षा 1 से 8 तक की शिक्षा दी जाती है। प्रारंभिक विद्यालय भी दो तरह के होते हैं एक प्राथमिक विद्यालय दूसरा मध्य विद्यालय प्राथमिक विद्यालय वह है जहां कक्षा 1 से 5 के शिक्षा दी जाती है। मध्य विद्यालय वह है जहां 6 से 8 की शिक्षा दी जाती है। प्राथमिक विद्यालय में जो शिक्षक बहाल होते हैं उसे बेसिक ग्रेड शिक्षक कहते हैं। और मध्य विद्यालय में जो शिक्षक बहाल होते हैं उसे स्नातक ग्रेड शिक्षक कहते हैं। दोनों की योगिता अलग-अलग होती है इसके अलावा प्राथमिक और मध्य विद्यालय दोनों में अलग-अलग विषय के शिक्षकों की भर्ती होती है। सारे विषय के शिक्षकों की योग्यता अलग-अलग है। सब के बारे में हम जानेंगे…..
खास तौर से बात करें तो प्राथमिक विद्यालय हो चाहे मध्य विद्यालय सभी प्रकार के शिक्षकों की बहाली तीन योगिता के आधार पर होती है
- शैक्षणिक योगिता
- प्रशैक्षणिक योग्यता और
- पात्रता
नोट: एक चौथी योग्यता भी है जो तीनों से महत्वपूर्ण है। चौथी योगिता क्या है इसकी चर्चा हम आगे करेंगे लेकिन इतना ज़रूर जाने की चौथी योगिता इतना महत्वपूर्ण है कि बाकी तीन योग्यता रहकर भी आप शिक्षक नहीं बन पाएंगे।
बेसिक ग्रेड शिक्षक की योग्यता
शैक्षणिक योगिता: किसी भी संस्थान से इंटरमीडिएट या समकक्ष होना अनिवार्य है। ध्यान दें कि इंटरमीडिएट में 50% अंक होने चाहि।
प्रशैक्षणिक योगिता:अभ्यर्थी का 2 वर्षीय डिप्लोमा होना अनिवार्य है। डी एल एड (DElEd), डी एड या शिक्षा स्नातक (BEd) चाहे वह किसी भी नाम से जाने जाते हैं। प्रशैक्षणिक योगिता में अंकों की बाध्यता नहीं है
पात्रता: शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक योग्यता के साथ-साथ पात्रता की भी अनिवार्यता है। यहाँ पात्रता का अर्थ है शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) Teacher Eligibility Test पात्रता दो प्रकार के होते हैं एक केंद्र सरकार आयोजित करती है दूसरा राज्य सरकार। केंद्र सरकार आयोजित पात्रता परीक्षा को सीटेट CTET कहते हैं और बिहार सरकार जो आयोजित करती है उसे BTET कहते हैं। दोनों अभ्यर्थी बिहार में शिक्षक बनने के पात्र हैं मगर पेपर-1 उत्तीर्ण होना चाहिए।
नोट: बेसिक ग्रेड में केवल सामान्य शिक्षकों की भर्ती होती है उन्हें सभी विषय पढ़ाना होता है चाहे अंग्रेजी हो या गणित हो या पर्यावरण।
लेकिन उर्दू विषय के शिक्षकों की भर्ती अलग से होती है इसके लिए शर्त है कि इंटरमीडिएट में उर्दू 100 अंकों का होना चाहिए।
बांग्ला विषय के शिक्षकों की भर्ती प्राइमरी स्कूल में होती है इंटरमीडिएट में बंगला विषय होना अनिवार्य है।
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स्नातक ग्रेड के शिक्षकों की योग्यता
स्नातक ग्रेड के शिक्षकों की योगिता भी शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक और पात्रता के आधार पर की जाती है। स्नातक ग्रेड उसको कहते हैं जो 6 से 8 को पढ़ाते हैं। यानी मध्य विद्यालय के शिक्षक। दरअसल इसे स्नातक ग्रेड इसलिए नाम दिया गया है क्योंकि इनके शिक्षकों का मिनिमम क्वालिफिकेशन स्नातक होना अनिवार्य है।
शैक्षणिक योग्यता: स्नातक ग्रेड के शिक्षकों का न्यूनतम योग्यता स्नातक होना अनिवार्य है और वह भी 50% अंकों की बाध्यता के साथ।
प्रशैक्षणिक योगिता:अभ्यर्थी का 2 वर्षीय डिप्लोमा होना अनिवार्य है। डी एल एड (DElEd), डी एड या शिक्षा स्नातक (BEd) चाहे वह किसी भी नाम से जाने जाते हैं। प्रशैक्षणिक योगिता में अंकों की बाध्यता नहीं है
पात्रता: शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक योग्यता के साथ-साथ पात्रता की भी अनिवार्यता है। यहाँ पात्रता का अर्थ है शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) Teacher Eligibility Test पात्रता दो प्रकार के होते हैं एक केंद्र सरकार आयोजित करती है दूसरा राज्य सरकार। केंद्र सरकार आयोजित पात्रता परीक्षा को सीटेट CTET कहते हैं और बिहार सरकार जो आयोजित करती है उसे BTET कहते हैं। दोनों अभ्यर्थी बिहार में शिक्षक बनने के पात्र हैं मगर पेपर-1 उत्तीर्ण होना चाहिए।
जिस चौथी योगिता के बारे में हमने आपको बताया था वह है निवास। अगर बिहार में जो डोमिसाईल लागू हो जाता है तो बिहार के बाहर के अभ्यर्थियों को आवेदन का मौका ही नहीं मिलेगा। यानी सारे शैक्षणिक प्रशैक्षणिक और पात्रता के बाद भी आवेदन से वंचित हो जायेंगे।
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