
बाल संसद क्या है
बाल संसद विद्यालय के बच्चों का एक मंच होगा जहां वे अपने विद्याल, समाज, परिवार, स्वास्थ्य, शिक्षा और अपने अधिकारों की बात खुल कर कह सकेंगे। बाल संसद क्यों। बच्चों का एक ऐसा मंच प्रदान करना, जहां वे अपने विचार रख सके और विद्यालय के प्रबंधन और विकास में भागीदार बन सके। बच्चों में जीवन कौशल का विकास करने के लिए। जैसे-तत्व क्षमता, निर्णय लेने की क्षमता और संप्रेषण क्षमता अर्थात् बच्चों के सम्पूर्ण व्यिक्तित्व का विकास करने के लिए। विद्यालय को आनंददायी, सुरक्षित और साफ-सुथरा रखने के लिए।
बाल संसद की संरचना
बाल संसद का गठन के निम्नलिखित प्रक्रिया है
- विद्यालय में सभी बच्चों की एक सभा बुला कर उन्हें वर्गवार बैठाएं।
- बाल संसद के गठन के पूर्व संयोजक शिक्षक द्वारा बाल संसद के बारे में बच्चों को विस्तार से बताया जाएगा।
- सभी बच्चों की सभा एक प्रधानमंत्री और उप-प्रधानमंत्री का चुनाव करेगी। दोनों पदों में से कोई एक पद लड़की के द्वारा भरा जाएगा।
- प्रधानमंत्री और उप-प्रधानमंत्री के चुनाव के बाद सभी वर्गा को पांच समूहों में बांटा जाएगा। बांटने की प्रकिया इस प्रकार से होगी-उपस्थिति पंजी के अनुसार सभी बच्चों को, जैसे क्रमांका, पहला समूह, क्रमांक 2. दूसरा समूह आदि रखते हुए पांच समूहों में बांटा जाएगा।
- पांचों समूहों के नाम, महापुरूष, नदियों, फलों, पहाडों आदि के नाम पर रखे जा सकते है।
- सभी समूहों को अलग-अलग बैठा कर हर समूह को एक मंत्री और एक उप मंत्री चुनने के लिए कहा जाएगा। प्रत्येक समूह से एक लड़का और एक लड़की मंत्री और उप मंत्री की जिम्मेवारी संभालेंगे।
- इसके बाद सभी मंत्री और उप मंत्री की बैठक प्रधानमंत्री द्वारा बुलायी जाएगी और चुने गए मंत्रियों के बीच दायित्वों का बटवारा होगा।
- बाल संसद का कार्यकाल एक वर्ष का होगा। शैक्षणिक वर्ष के प्रथम माह में इसका गठन अनिवार्य रूप से कर लिया जाएगा।
बाल संसद के मंत्रिमंडल
प्रधानमंत्री एवं उप-प्रधानमंत्री के अलावा बाल संसद में 12 मंत्री होंगे, जिनका विवरण निम्नवत है
- शिक्षा मंत्री
- उप शिक्षा मंत्री, जिसे मीना मंत्री कहा जाएगा (इस पद पर कोई लड़की ही होगी)
- स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री
- उप स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री
- जल एवं कृषि मंत्री
- उप जल एवं कृषि मंत्री
- पुस्तकालय एवं विज्ञान मंत्री
- उप पुस्तकालय एवं विज्ञान मंत्री
- सांस्कृतिक एवं खेल मंत्री
- उप सांस्कृतिक एवं खेल मंत्री
- बाल सुरक्षा मंत्री
- बाल उप सुरक्षा मंत्री
इस प्रकार बाल संसद में 14 सदस्य हांगे, जिसमें 7 उप मंत्री, एक प्रधानमंत्री और एक उप प्रधानमंत्री होंगे।
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मंत्रिमंडल के कार्य एवं दायित्व
बाल संसद मंत्री मंडल में जितने भी मंत्री होते हैं सभी का कार्य और दायित्व बटा हुआ है। सब अपने अपने कार्य को अंजाम देते हैं अपने दायित्व का भली-भांति निर्वहन करते हैं। आइए हम एक-एक करके जानते हैं सभी मंत्रियों के बारे में…
प्रधानमंत्री/उप प्रधानमंत्री के कार्य एवं दायित्व
- प्रत्येक 15/30 दिनों पर मंत्रियों की बैठक बुलाना और 3 महीनों में एक आम बैठक कना, जिसमें विद्यालय के सभी बच्चे भाग लेंगे। इस बैठक में पिछले कार्यों पर चर्चा करेंगे और आगे की योजनाएं बनाएगें।
- सभी मंत्रियों के कार्यो की समीक्षा करना और उपयोगी निर्णय लेना।
- विद्यालय शिक्षा समिति और माता समिति की बैठक में बाल संसद द्वारा उठाए गए मुददे को (जिसका संबंध समिति से है) रखना और समिति से समाधान हेतु आग्रह करना।
- बैठक की उपस्थिति पंजी बना कर प्रत्येक बैठक में मंत्रिमंडल के सदस्यों का हस्ताक्षर करवाना, उपलब्धियों की सूची बनाना और आगे की योजनाएं बनाना।
- समूह के दिनवार कार्यो का बंटवारा करना और समूह को सूचना देना। जैसे-सोमवार को विरसा समूह द्वारा सफाई कार्य, मंगल पांडे समूह द्वारा बागवानी कार्य करेंगे, आदि।
- विद्यालय में संसद का एक सूचना पट, स्वच्छता मॉनिटरिंग बोर्ड लगवाना।
- शिक्षकेतर गतिविधियों में सभी बच्चों को समान रूप से भागीदार बनाना।
- विशेष अवसरों पर विद्यालय में और विद्यालय से बाहर समारोह आयोजित करना। विद्यालय शिक्षा समिति की सहायता से शिक्षण अधिगम सामग्री, खेल सामग्री, प्राथमिक उपचार किट, बुलेटिन बोर्ड, गमला आदि की व्यवस्था करना।
- प्रधानमंत्री की समिति के द्वारा अपने कार्यों की प्रगति बताना।
- विशिष्ट व्यक्तियों के विद्यालय आने पर उन्हें बाल संसद के सदस्यों से मिलवाना।
- यह देखना कि सभी मंत्री,उप मंत्री और मॉनिटर अपने-अपने बैज रोज लगाएं। उप प्रधानमंत्री का दायित्व प्रधान मंत्री को सहयोग करना और प्रधनमंत्री की अनुपस्थिति में प्रधानमंत्री के सभी कार्य को करना।
शिक्षा मंत्री के कार्य एवं दायित्व
- शिक्षा मंत्री शिक्षक और विद्यालय शिक्षा समिति को बालपंजी तैयर करने/अद्यतन करने के लिए सूचना हासिल करवाना।
- बच्चों की सहायता से अनामांकित बच्चों और लगातार विद्यालय नहीं आने वाले बच्चों को विद्यालय से जोड़ने का प्रयास करना।
- ऐसे बच्चों की सूची बना कर बच्चों के बीच नामांकन का लक्ष्य देना ।
- उनके नाम विद्यालय में लिखने की कोशिश करना। सभी वर्ग कक्ष को आकर्षक बनवाना। इसके लिए गुलदस्ते,टी०एल०एम० आदि की मदद ली जा सकती है।
- सभी वर्ग कक्ष में बच्चों के लिए कए अधिगम कोना, यानि सीखने हेतु कार्य करने के लिए स्थान बनवाना, जिसमें पुस्तकालय की पुस्तकें या बच्चों के द्वारा तैयार सामग्री रखी जाए।
- सभी बच्चों को घर पर पढ़ने के लिए प्रेरित करना। इसके लिए बच्चों के पिता, अभिभावक और माता समिति से बात की जा सकती है। वर्ग कक्ष में विकलांग बच्चों को समान अवसर उपलब्ध करवाना। जैसे उनके बैठने की उचित व्यवस्था करना बच्चों को उनके साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करना और उनके साथ दोस्तों की तरह पेश आना।
- शिक्षक को शैक्षिक कार्य (पढ़ाने,लिखाने, सिखाने) में सहयोग करना, जैसे शिक्षक की गैरहाजिरी में बड़ी कक्षा के बच्चों से छोटी कक्षा में पठन कार्य करवाना। बच्चों को समूह मेंएक दूसरे की सहायता से पढ़ाई-लिखाई करवाने की कोशिश करना।
- सूचना पट पर आज का विचार लिखना।
- उप शिक्षा मंत्री/मीना मंत्री (लड़की के द्वारा ही भरा जाए) हर वर्ग से एक लड़की मीना मंत्री को मीना गतिविधि संचालित करने में मदद करेगी। वर्ग कक्ष के मॉनिटर एवं सह मॉनिटर की सहायता से प्रत्येक महीने में बच्चों की उपस्थिति का चार्ट तैयार करवाएगी।
- 20 या उससे अधिक दिनों तक उपस्थित होने वाले बच्चों को दीन स्टार, 15-20 दिन उपस्थित होने वाले को पीला स्टार दिया जाएगा। प्रत्येक कक्षा में जिस बच्चे की साल में सबसे अच्छी उपस्थिति रहे. उसे वर्ष के अंत में इनाम भी दिया जा सकता है। शिक्षा मंत्री के कार्यों में सहायता करना
स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री / उप स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री के कार्य एवं दायित्व
- बच्चों की सहायता से पूरे विद्यालय परिसर की सफाई करवाना।
- मंत्री का दायित्व होगा कि वे समूह के बच्चों में कार्य का बँटवारा पूर्व से कर दें जैसे वर्ग कक्ष की सफाई में कौन-कौन होंगें परिसर की सफाई में कौन-कौन होंगे। शौचालय की सफाई में कौन-कौन होंगे।
- दायित्व बँटवारे की सूचना, संसद के सूचना पट पर कर दी जाए। सप्ताह में एक बार या पंद्रह दिन में एक बार वर्ग कक्ष की धुलाई करवाना।
- प्रत्येक दिन किसी खास समूह के द्वारा प्रत्येक कमरे में पोंछा लगवाना वर्ग कक्ष में एवं परिसर में जगह-जगह पर कूड़े दान को रखना / रखवाना ।
- शौचालय के पास टंकी / बड़ी बाल्टी (प्लास्टिक की) में जल प्रतिदिन बच्चों के द्वारा रखना। बच्चों के कपड़े / नाखून / दाँत / बाल / शरीर की जाँच करना एवं उन्हें साफ रखने की आदत डलवाना और सप्ताह में एक बार विद्यालय स्वच्छता मॉनिटरिंग बोर्ड पर पूरे विद्यालय की स्थिति को लिखवाना।
- स्वच्छता सामग्री को उचित स्थान पर रखना और बच्चों को इसके उपयोग की आदत डलवाना।
- प्राथमिक उपचार किट्स (कँची / बैंडेज / टिंक्चर आदि) को ठीक से रखना ।
- शौचालय के पास साबुन रखना / रखवाना और बच्चों में प्रयोग की आदत डलवाना ।
- टिफिन / मध्याह्न भोजन के समय हाथ साफ कर भोजन करने की आदत बच्चों में डालना।
- सभी बच्चों का हेल्थ कार्ड तैयार करवाना और उसे बाँटना इसके लिए समय-समय पर आस-पास के चिकित्सकों की मदद ली जा सकती है।
- बच्चों को शौचालय इस्तेमाल करने का तरीका बताना, ताकि शौचालय इस्तेमाल करने वाले सभी बच्चे शौच के पहले एवं बाद में उसकी सफाई करने की आदत डालें और अपने परिवार में भी लोगों से ऐसा करने को कहें।
- विद्यालय में सूई धागा और बटन की व्यवस्था रखना, ताकि बच्चों के कपड़े सही-सलामत रहें।
- उप स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री का दायित्व मंत्री के कार्यों में सहयोग और मंत्री के अनुपस्थित रहने पर सभी कार्य निपटाना ।
जल एवं कृषि मंत्री/उप जल एवं कृषि मंत्री के कार्य एवं दायित्व
- विद्यालय में पेड़-पौधे लगाना/लगवाना और पेड़ों और छोटी झाड़ियों की सहायता से घेराबंदी करवाना, ताकि विद्यालय हरा-भरा रहे।
- हर विद्यालय में एक बगान होना चाहिए। बगान का हर एक भाग एक वर्ग कक्ष के जिम्मे देना।
- फूलों की क्यारी बच्चों से बनवाना और प्रत्येक बच्चे अपने लगाए पौधों की देख-रेख करने हेतु बल देना। पुरानी इमारतों की ईंटों का उपयोग क्यारी बनाने में किया जा सकता है। क्यारी की ईंटों को रंगवाना।
- बौस और टहनियों की मदद से घेरा बनाकर वृक्षारोपण करना। अलग-अलग वर्गों के बीच विद्यालय को बाँट कर उसकी साफ-सफाई और सौंदर्याकरण की प्रतियोगिता आयोजित करवाना है। प्रत्येक माह में सबसे अच्छे काम करने वाले समूह के नाम की घोषणा कर उसे अंक देकर साल के अंत में इन अंकों के आधार पर समूह को इनाम दिया जा सकता है।
- इस कार्य में शिक्षक/विद्यालय शिक्षा समिति से मदद ली जा सकती है। उनसे पौधा उपलब्ध करवाने का आग्रह भी किया जा सकता है। बागवानी हेतु प्रयोग में आने वाली सामग्री को सुरक्षित रखना।
- सभी वर्ग कक्ष के सामने पेयजल घड़ा/बाल्टी में रखना और उससे से पानी निकालने एवं पीने के बर्तन भी रखना।
- पेयजल के पास सफाई का पूरा ध्यान रखना। समिति के सहयोग से चापाकल का चबूतरा बनवाना और सोख्ता का निर्माण करना/करवाना।
- जिस विद्यालय में घेराबंदी न हो, उसके लिए विद्यालय शिक्षा समिति से आग्रह करना/करवाना। जहाँ बागवानी की जगह न हो, वहाँ यथासंभव गमले में फूल लगाना/लगवाना।
- उपयोग किये जा चुके/गंदे जल से बगीचे का पटवन किया जा सकता है। उप मंत्री का दायित्व मंत्री के कार्यों में सहयोग और उनकी अनुपस्थिति में सभी कार्यों को स-समय पूरा करना।
Quick
विज्ञान एवं पुस्तकालय मंत्री/उप विज्ञान एवं पुस्तकालय मंत्री के कार्य एवं दायित्व
- बच्चों में पुस्तकालय की किताबें पढ़ने की आदत डलवाना।
- विद्यालय के पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों की सूची बनाना।
- पुस्तकों को विद्यालय के किसी निश्चित स्थान पर बच्चों की पहुँच तक रखा जाना चाहिए।
- इसे प्रधानाध्यापक कक्ष में रस्सी से लटका कर रखा जा सकता है या पुस्तकालय की घंटी में वर्ग कक्ष में इसे कोने में रखवाया जा सकता है।
- अगर बच्चे पुस्तक घर ले जाना चाहते हो, तो उन्हें मंत्री द्वारा खास समय के लिए ले जाने देना।
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